मुजफ्फरपुर जिले की शाही व चाइना के साथ अब लोग तीन अन्य नई प्रजातियों की लीची का भी स्वाद ले सकेंगे। इतना ही नहीं दो माह ज्यादा तक इसका स्वाद मिल सकेगा। इसका लाभ देश के 20 राज्यों के किसान उठा रहे हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में सूबे के किसान सिर्फ शाही व चाइना लीची की पैदावार तक ही सीमित हैं।
नई प्रजाति की लीची का नाम गंडकी संपदा, गंडकी लालिमा व गंडकी योगिता है।
मई के अंत से शुरू हो जाता सीजन :-
शाही लीची का सीजन मई के अंत तक शुरू हो जाता है। जो करीब 15 दिनों तक रहता है। इसके बाद दस दिनों तक चाइना लीची। राज्य के किसान की बागवानी भी यही तक सीमित रहती है। जबकि वे नई प्रजाति गंडकी संपदा, गंडकी लालिमा व गंडकी योगिता की पैदावार भी कर सकते हैं। प्रत्येक प्रकार की लीची की अवधि दस दिनों की रहती है।
ऐसे करें बागवानी :-
इन नई प्रजातियों की लीची के लिए किसानों को तैयारी शाही लीची की तरह ही करनी चाहिए। जून से फरवरी तक कैलेंडर बनाकर बागवानी करनी पड़ेगी। नहीं तो कीड़े व मिठास में कमी आदि होने की समस्या भी आएगी। किसानों को जून में पेड़ों की छंटाई व जुलाई में खाद डालनी चाहिए। जुलाई में ही पेड़ से कल्ले फूटते हैं। अगर कमजोर कल्ले हैं तो किसानों को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
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