एलोवेरा के फायदे तो अनगिनत हैं। कुछ फायदों के बारे में तो आप पक्का जानते होंगे। पर आज हम आपको इस पौधे के गुण और लाभ की एक सूची से अवगत कराएँगे। ताकि आप मान ही जाएं की एलोवेरा एक गज़ब का पौधा है।
इसकी पूरे विश्व भर में 400 से ज़्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं हैं, परंतु इनमें से केवल 5 प्रजातियां हीं हमारे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी हैं।
आइये जाने एलोवेरा के कुछ फ़ायदों के बारे में :-
इसका प्रयोग एक पौष्टिक आहार के रूप में भी होता है। विभिन्न मिनरल्स, विटामिन्स से युक्त एलोवेरा थोड़ी गर्मी के साथ अपना प्रभाव देता है।
रोज सुबह इसके लगभग एक छोटे प्याले के सेवन से दिन-भर शरीर में ताकत और स्फूर्ति बनी रहती है।
यह बवासीर जैसे कष्टदायी रोग में आराम पहुँचाती है।
मधुमेह के रोगियों के लिए फ़ायदेमंद है।
गर्भाशय के विभिन्न रोगों में यह चमत्कारी है।
पेट से संबन्धित समस्याओं में रामबाण उपाय है।
जोड़ों के दर्द में काफी आराम पहुँचा देता है।
त्वचा की तमाम समस्याएँ जैसे मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी हुई त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़ियों के लिए यह काफी लाभप्रद है।
यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
जलने, कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है।
यह रक्त में शुगर लेवेल को नियंत्रित रखता है।
यह मच्छर से भी त्वचा को सुरक्षित रखता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से मॉस्किटो रिपेलेंट जैसे गुण मौजूद होते हैं।
एलोवेरा का इस्तेमाल जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम, ब्यूटी क्रीम, हेयर स्पा इत्यादि के निर्माण में भी किया जाता है।
एलोवेरा जेल या रस में मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होंगे।
एलोवेरा के रस में नारियल के तेल की थोड़ी सी मात्रा मिलाकर कोहनी, घुटने व एड़ियों पर कुछ देर लगाकर धोने से इन जगहों पर पड़ने वाला कालापन दूर होता है।
इसकी पत्तियों का सेवन करने से पेट में कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
गुलाबजल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की खोई नमी लौटती है।
एलोवेरा के गूदे में मुलतानी मिट्टी या चंदन पावडर मिलाकर लगाने से त्वचा के कील-मुंहासे आदि लंबे समय के लिए मिट जाते हैं।
इसकी पूरे विश्व भर में 400 से ज़्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं हैं, परंतु इनमें से केवल 5 प्रजातियां हीं हमारे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी हैं।
आइये जाने एलोवेरा के कुछ फ़ायदों के बारे में :-
इसका प्रयोग एक पौष्टिक आहार के रूप में भी होता है। विभिन्न मिनरल्स, विटामिन्स से युक्त एलोवेरा थोड़ी गर्मी के साथ अपना प्रभाव देता है।
रोज सुबह इसके लगभग एक छोटे प्याले के सेवन से दिन-भर शरीर में ताकत और स्फूर्ति बनी रहती है।
यह बवासीर जैसे कष्टदायी रोग में आराम पहुँचाती है।
मधुमेह के रोगियों के लिए फ़ायदेमंद है।
गर्भाशय के विभिन्न रोगों में यह चमत्कारी है।
पेट से संबन्धित समस्याओं में रामबाण उपाय है।
जोड़ों के दर्द में काफी आराम पहुँचा देता है।
त्वचा की तमाम समस्याएँ जैसे मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी हुई त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़ियों के लिए यह काफी लाभप्रद है।
यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
जलने, कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है।
यह रक्त में शुगर लेवेल को नियंत्रित रखता है।
यह मच्छर से भी त्वचा को सुरक्षित रखता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से मॉस्किटो रिपेलेंट जैसे गुण मौजूद होते हैं।
एलोवेरा का इस्तेमाल जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम, ब्यूटी क्रीम, हेयर स्पा इत्यादि के निर्माण में भी किया जाता है।
एलोवेरा जेल या रस में मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होंगे।
एलोवेरा के रस में नारियल के तेल की थोड़ी सी मात्रा मिलाकर कोहनी, घुटने व एड़ियों पर कुछ देर लगाकर धोने से इन जगहों पर पड़ने वाला कालापन दूर होता है।
इसकी पत्तियों का सेवन करने से पेट में कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
गुलाबजल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की खोई नमी लौटती है।
एलोवेरा के गूदे में मुलतानी मिट्टी या चंदन पावडर मिलाकर लगाने से त्वचा के कील-मुंहासे आदि लंबे समय के लिए मिट जाते हैं।
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