अगर आपने अपने गमले में चीकू लगाया है और उसमे चीकू नहीं आ रहे हैं तो नीचे दिए हुए बातों को जरूर पढ़ें।
- आप जब भी चीकू का पौधा लगाए तो ग्राफ्टेड (कलमी )पौधा ही लगाए क्योंकि जो ग्राफ्टेड (कलमी ) पौधे होते हैं वो बहुत ही कम समय में ही फल देना शुरू कर देते हैं। बीज वाले पौधों की तुलना में , बीज वाले पौधे फल देने में लगभग 10 से 12 साल का समय ले लेते हैं। ग्राफ्टेड (कलमी ) पौधे 2 से 3 साल के अंदर ही फल देना शुरू कर देते हैं।
- आपने जिस गमले में चीकू लगाया है उसमें डी.ए.पी. और गोबर की सड़ी हुई खाद को गमले की मिट्टी में मिला दें क्योंकि इस खाद में पूर्ण पोषक तत्त्व मिले होते हैं, जो चीकू के पौधे को स्वस्थ रखते हैं। जिस कारण से चीकू का पौधा पहले से अधिक मात्रा में फल देने लगता है।
- सर्दियों में चीकू की पत्तियाँ सर्दी और पाले से ख़राब हो जाती हैं तो आपको सर्दी से उसे बचाना है।
- चीकू की पत्तियों पर कीड़े लग जाने पर उस पर नुमान और सायपर नामक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।
- समय समय पर गमले की मिटटी की गोड़ाई करते रहिये जिससे उसमे खर - पतवार ना उगने पाएँ।
- आप जब भी चीकू का पौधा नर्सरी से लाये और जिस मिट्टी में पौधा लगा हो उसे मिट्टी से ना निकले ऐसा करने से उसकी जड़े टूट जाती हैं और आपका पौधा सूख जायेगा। आप उस मिट्टी को किसी चीज से मार के ढीला कर लीजिये इससे पौधे की जड़ भी नहीं टूटेगी।
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