अमरुद खाने के नुकसान :-
जिन लोगो की प्रकृति शीत होती है या जिनका पाचन कमजोर है वे लोग अमरुद कम खाएं। ऐसे लोगों को यह सही तरीके से नहीं पचता और नुकसान करता है। आपने अक्सर देखा होगा कि बारिश के मौसम में अमरूद के छोटे-छोटे कीड़े पड़ जाते हैं, ये कीड़े यदि पेट में चले जाते है तो पेट दर्द, अफारा, हैजा जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। इसके बीज सख्त होते हैं और इस कारण से इनका पचना कठिन हो जाता है | जिन लोगो को इसके बीज नहीं पचते हैं उनको एपेन्डिसाइटिस रोग हो सकता है । अत: इनके बीजों के सेवन से बचना चाहिए।
अमरूद और इसके पत्तों के फायदे :-
अमरुद को कई रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह एक घरेलु उपचार है जिससे नुकसान नहीं है बल्कि कुछ सावधानियां जरूर हैं।
शक्ति और वीर्य वृद्धि -
अच्छी तरह पके नरम, मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें और फिर छानकर इनके बीज निकाल लें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर प्रात: नियमित रूप से 21 दिन सेवन करें। इसके सेवन से शरीर की शक्ति बढ़ती है और पुरुषों के वीर्य में वृधि होती है |
पेट दर्द का इलाज -
पेट दर्द के मरीज को नमक के साथ पके अमरूद खाने से आराम मिलता है। इसे दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। एक बार एक मध्यम आकार अमरुद ही खाएं।
कब्ज़ के इलाज में लाभकारी -
नाश्ते में अमरूद का सेवन करें। सख्त कब्ज़ में सुबह-शाम अमरूद खाएं। अमरूद को काली मिर्च, काला नमक, अदरक के साथ खाने से अजीर्ण, गैस, अफारा की तकलीफ दूर होकर भूख बढ़ जाएगी।
बवासीर ( पाइल्स ) का इलाज -
सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद नियमित रूप से सेवन करें। ऐसा करने से बवासीर में फायदा होता है।
सूखी खांसी -
गर्म रेत में अमरूद को भूनकर खाने से सूखी, कफ युक्त और कुकर खांसी में आराम मिलता है। यह प्रयोग दिन में तीन बार करें।
दांत दर्द -
अमरूद के पत्तों को दांतों से चबाने से आराम मिलेगा। इसलिए यदि किसी को दांत दर्द है तो वह अमरुद के पत्तों को दिन तीन बार चबाएं।
सिर दर्द -
आधे सिर के दर्द में कच्चे अमरूद को सुबह पीसकर लेप बनाएं और उसे मस्तक पर लगाएं।
जुकाम -
रुके हुए जुकाम को दूर करने के लिए बीज निकला हुआ अमरूद खाएं और ऊपर से नाक बंद कर एक गिलास पानी पी लें। जब दो-तीन दिन के प्रयोग से स्राव बढ़ जाए, तो उसे रोकने के लिए 50-100 ग्राम गुड़ खा लें। बाद में पानी न पिएं।
मुंह के छाले -
अमरूद के पते पर कत्था लगाकर पान की तरह इसे दिन में 3-4 बार चबाएं और यह प्रयोग 2-3 दिन करें।
मलेरिया -
इसके ज्वर में अमरूद का सेवन लाभप्रद है। नियमित सेवन से तिजारा और चौथिया ज्वर में भी आराम मिलता है।
भांग का नशा -
अमरूद के पत्तों का रस या केवल पके अमरूद खिलाने से भांग का नशा दूर हो जाता है।
पागलपन, उन्माद -
सुबह खाली पेट पके अमरूद चबा-चबाकर खाने से मानसिक शरीर की गर्मी निकल जाती है।
No comments:
Post a Comment