27 अक्टूबर को शरदपूर्णिमा है। इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं। इस रात मां लक्ष्मी अपने भक्तों को खोजती हैं। इस दौरान जो लोग उन्हें निर्धन मिलते हैं, उनके घर को धन संपत्ति से भर देती हैं। शरदपूर्णिमा की रात दीवाली से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इस रात स्वयं मां लक्ष्मी अपने भक्तों को संपत्ति देने के लिये खोजती हैं। वैदिक और तंत्र शास्त्र में शरदपूर्णिमा की रात कुछ धन के उपाय के बारे में बताया गया है। धन संपत्ति पाने के इन सरल उपायों को शरदपूर्णिमा की रात करने से, लक्ष्मी का स्थायी आशीर्वाद मिलता है। आइये इस शरदपूर्णिमा से कार्तिक अमावस्या तक आप भी इन उपायों को आज़मायें और अपनी किस्मत चमकायें।
मोती शंख पर केसर से स्वास्तिक बनाएं 108 अक्षत लेकर एक-एक अक्षत महालक्ष्मी मंत्र बोलकर चढ़ाएं फिर उस अक्षत को लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी या कैश बॉक्स में रखें।
मंत्र है-
घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास के लिये, पूर्णिमा की शाम से लेकर सुबह तक अखंड दीप जलायें। चंद्रलोक में मां लक्ष्मी दीप रुप में विराजमान हैं। अखंड दीप की रोशनी से मां लक्ष्मी खिंची चली आयेंगी।
लक्ष्मी के तांत्रिक उपाय में आप छोटे नारियल की पूजा करके उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें। अष्ट लक्ष्मी पर 8 कमल चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम पढ़ने से भी मां लक्ष्मी निर्धनों के जीवन में प्रवेश करती हैं।
दक्षिणावर्ती शंख से मां लक्ष्मी का अभिषेक करें और धूप, दीप, फूल से पूजा करें, दक्षिणावर्ती शंख भी पूर्णिमा के दिन ही प्रकट हुआ था। श्रीसूक्त का पाठ करने से भी मिलता है धन।
पूर्णिमा को लक्ष्मी सहस्त्रनाम, लक्ष्मी अष्टोत्र नावामली ,सिद्धिलक्ष्मी कवच, श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त, महालक्ष्मी कवच, कनकधारा के पाठ से भी आपको मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी।
पूर्णिमा को आंवला की पूजा से भी लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है। चांदनी रात में रखे आंवले में औषधीय शक्ति भी आती है।
शरद पूर्णिमा पर महालक्ष्मी को खीर, छुहाड़े की खीर, मेवे की खीर का भोग लगायें। गाय के दूध में महालक्ष्मी का वास है, इसीलिये उन्हें खीर बहुत प्रिय है।
तो 27 अक्टूबर से दीपावली तक लक्ष्मी जी स्वयं, आपके घर का द्वार खोलकर प्रवेश करना चाहती हैं। बस इसके लिये उन्हें इन उपायों से आमंत्रित करना होगा।
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